Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Filmyzilla Movie
    • Tamil Movies

      [REVIEW] Sithariya Pakkangal (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [REVIEW] Seesaw (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [REVIEW] Lara (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [REVIEW] Kalan (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [REVIEW] Bioscope (2025)

      दिसम्बर 11, 2025
    • Gujarati Movies
    • Hindi Movies

      [REVIEW] SAIYAARA (2025)

      दिसम्बर 14, 2025

      [REVIEW] Chhaava (2025)

      दिसम्बर 14, 2025
    • Kannada Movies

      [REVIEW] Kanna Muchhe Kaade Goode (2025)

      दिसम्बर 14, 2025

      [REVIEW] Teddy Bear (2025)

      दिसम्बर 14, 2025

      [REVIEW] Nimma Vasthugalige Neeve Javaabdaararu (2025)

      दिसम्बर 14, 2025

      [REVIEW] Choo Mantar (2025)

      दिसम्बर 14, 2025

      [REVIEW] Guns and Roses (2025)

      दिसम्बर 14, 2025
    • Telugu Movies

      [REVIEW] Daaku Maharaaj (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [Review] Mirai (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [REVIEW] Game Changer (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [Review] Sankranthiki Vasthunam (2025)

      दिसम्बर 11, 2025

      [Review] Dreamcatcher (2025)

      दिसम्बर 8, 2025
    • Malayalam Movies

      [REVIEW] Orumbettavan (2025)

      दिसम्बर 13, 2025

      [REVIEW] Mr Bengali (2025)

      दिसम्बर 13, 2025

      [REVIEW] ID: The Fake (2025)

      दिसम्बर 13, 2025

      [REVIEW] Communist Pacha Adhava Appa (2025)

      दिसम्बर 13, 2025

      [REVIEW] Identity (2025)

      दिसम्बर 13, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Filmyzilla Movie
    मुख्यपृष्ठ » [REWIEW] Adrushya (2025)
    Odia Movies

    [REWIEW] Adrushya (2025)

    KavyaBy Kavyaदिसम्बर 12, 2025Updated:दिसम्बर 12, 2025कोई टिप्पणी नहीं6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    [REWIEW] Adrushya (2025) जब अंधेरा डर का आईना बन जाता है

    Author: Gemini (Film Critic)

    Category: Movie Review / Asian Cinema

    Movie Information

    • Movie Name: Adrushya (अदृश्य)

    • Release Year: 2025

    • Country: India

    • Genre: Thriller / Psychological Horror / Mystery

    • Director: Kabir Lal

    • Cast: Manjari Fadnnis, Pushkar Jog, Riteish Deshmukh (Special Appearance)

    • Producer: Lovely World Entertainment

    • Duration: 122 Minutes

    • Language: Odia

    Introduction: अंधकार और संदेह की एक Symphony

    समकालीन भारतीय हॉरर सिनेमा की तेज धारा में, जहां सस्ते “jump-scares” अक्सर कहानी की गहराई को दबा देते हैं, Adrushya एक दुर्लभ “Dark Gem” बनकर उभरती है। 2025 में बड़े पर्दे पर वापसी करते हुए, Adrushya केवल एक Thriller नहीं है; यह इंसान के सबसे आदिम डर पर एक कठोर टिप्पणी है: दृष्टि का खो जाना और अपने आस-पास “अदृश्य” लोगों की उपस्थिति।

    एक फिल्म समीक्षक के रूप में, जिसने सिनेमा की भाषा को समझने में 15 साल बिताए हैं, मैंने शायद ही किसी फिल्म में “blindness” (अंधापन) की अवधारणा को इतनी बारीकी और दुखद कविता (tragic poetry) के साथ प्रस्तुत होते देखा है। Adrushya केवल संवादों से कहानी नहीं कहती; यह अंधेरे से, जानलेवा खामोशी से, और एक टूटती हुई आत्मा की तेज सांसों से बात करती है।

    Plot: धुंध में एक Deadly Chase

    Adrushya दर्शकों को सायली (Manjari Fadnnis द्वारा अभिनीत) की भयावह यात्रा पर ले जाती है, जो ‘मैक्यूलर डिजनरेशन’ से जूझ रही है, जिससे उसकी दृष्टि धीरे-धीरे स्थायी अंधेरे में डूब रही है। त्रासदी तब होती है जब उसकी जुड़वां बहन, जो इसी बीमारी से पीड़ित थी, बेसमेंट में मृत पाई जाती है। पुलिस इसे आत्महत्या मानती है, लेकिन एक बहन का अंतर्ज्ञान – और शायद जुड़वा बच्चों के बीच का आध्यात्मिक संबंध – सायली को बताता है कि वहां कोई तीसरा व्यक्ति था, एक “invisible” साया जो अंधेरे में छिपा है।

    READ  [REVIEW] Rangashoor (2025)

    Adrushya में सच की तलाश सायली के लिए समय के खिलाफ एक दौड़ है। अपनी आंखें पूरी तरह बंद होने से पहले उसे हत्यारे को ढूंढना होगा। पटकथा (Script) में छोटी लेकिन कीमती विवरणे हैं जो हर गुजरते पल को दर्शकों के लिए एक “Psychological Torture” बना देती हैं। Adrushya जल्दबाजी नहीं करती; यह दर्शक के धैर्य की परीक्षा लेती है, हमें मजबूर करती है कि हम भी आंखें सिकोड़ कर और कान लगाकर उस अदृश्य खतरे को महसूस करें, बिल्कुल मुख्य पात्र की तरह।

    In-Depth Analysis: The Art of Being “Invisible”

    1. Cinematography & Visual Language

    Adrushya का सबसे चमकदार पहलू (या सही मायने में, सबसे गहरा कलात्मक बिंदु) इसकी Cinematography है। Director of Photography (DOP) ने दृश्य कहानी कहने (visual storytelling) में कमाल किया है। संदर्भ दिखाने के लिए “Wide Angles” का उपयोग करने के बजाय, Adrushya में पात्रों की आंखों, कांपते हुए हाथों और पसीने की बूंदों पर “Extreme Close-ups” का भारी उपयोग किया गया है।

    “Point-of-view” तकनीक का निष्पादन बेहतरीन है। जैसे-जैसे सायली की दृष्टि कम होती है, Adrushya का फ्रेम भी धुंधला (blur), विकृत (distort) और “Out-of-focus” हो जाता है। दर्शक अब केवल पर्यवेक्षक (observer) नहीं रहते; वे मजबूरन सायली बन जाते हैं। “Shallow Depth of Field” का उपयोग बहुत ही बुद्धिमानी से किया गया है, जो एक ऐसी दुनिया में चरित्र के अलगाव (isolation) को उजागर करता है जिसे वह अब साफ नहीं देख सकती।

    2. Lighting & Color Grading

    Adrushya तकनीक Chiaroscuro (प्रकाश और अंधेरे के बीच का विरोधाभास) की उस्ताद है। फिल्म में प्रकाश का उपयोग दिखाने के लिए नहीं, बल्कि छिपाने के लिए किया गया है। घर के अंधेरे कोने खाली जगह नहीं हैं, बल्कि डर का निवास स्थान हैं। Color Palette ठंडे स्वरों (cold tones) की ओर झुका है – ग्रे और गहरा काला, जो चरित्र की जमती हुई आत्मा जैसा ठंडा एहसास देता है।

    READ  [REVIEW] Baida (2025)

    क्लाइमेक्स दृश्यों में, बिजली की चमक या कैमरा फ्लैश की रोशनी “Visual Weapons” बन जाती हैं, जो अंधेरे को चीर कर खलनायक की उपस्थिति को उजागर – या सुझाव – देती हैं। यह लाइटिंग तकनीक Adrushya को एक आधुनिक Gothic Painting बना देती है।

    3. Character Psychology & Acting

    Manjari Fadnnis ने सायली के रूप में Adrushya में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। एक नेत्रहीन (या नेत्रहीन हो रही) महिला का अभिनय करना एक बड़ी चुनौती है। Fadnnis ने सिर्फ “अंधा” होने का अभिनय नहीं किया; उन्होंने पीछे छूट जाने के डर को दिखाया है। उनकी आंखें दृढ़ संकल्प से घबराहट, और अंत में “Raw Despair” (कच्ची निराशा) में बदलती हैं।

    Adrushya में चरित्र मनोविज्ञान एक नीचे गिरते हुए सर्पिल (downward spiral) की तरह है। सच के जितना करीब सायली पहुंचती है, उतना ही वह अपनी आत्मरक्षा खो देती है। विलेन इतना साधारण है कि वह “अदृश्य” हो गया है। वह उस बुराई का प्रतिनिधित्व करता है जो सबसे सामान्य चीजों में छिपी होती है।

    4. Music & Sound Design

    यदि Adrushya के दृश्य धुंधले हैं, तो Sound को “Amplify” किया गया है। यह एक शानदार कलात्मक विकल्प है। जब दृष्टि कमजोर होती है, तो सुनने की शक्ति बढ़ जाती है। लकड़ी के फर्श की चरमराहट, बारिश, गर्दन के पीछे किसी अजनबी की सांसें… सब कुछ “High Fidelity” के साथ मिक्स किया गया है।

    Adrushya का बैकग्राउंड स्कोर किसी भव्य ऑर्केस्ट्रा का उपयोग नहीं करता, बल्कि तार वाद्ययंत्रों (Violin, Cello) का उपयोग करता है जो तनाव (suspense) पैदा करते हैं। Adrushya में खामोशी (Silence) कभी-कभी चीख से ज्यादा डरावनी होती है।

    READ  [REVIEW] Kabadi – The Silent Strength (2025)

    Artistic Value & Core Message

    एक मनोरंजन फिल्म से परे, Adrushya एक दार्शनिक प्रश्न उठाती है: हम सच में कितना देख पाते हैं? क्या खुली आंखें कभी-कभी हमें सबसे ज्यादा धोखा देती हैं?

    फिल्म आधुनिक समाज की उदासीनता (apathy) की आलोचना करती है, जहां लोग एक-दूसरे के पास से गुजर जाते हैं बिना सच में “देखे”। Adrushya का हत्यारा इसलिए अस्तित्व में है क्योंकि कोई उस पर ध्यान नहीं देता। 2025 की यह फिल्म याद दिलाती है कि सबसे बड़ी क्रूरता हिंसा नहीं, बल्कि उपेक्षा (indifference) है।

    Conclusion: Should You Watch Adrushya (2025)?

    Adrushya कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। इसके लिए दर्शक को उस अंधेरे वातावरण में डूबना होगा जो निर्देशक Kabir Lal ने बनाया है। यह सौंदर्य की दृष्टि से सुंदर, मनोवैज्ञानिक रूप से गहरी और तकनीकी रूप से परिपूर्ण (technically perfect) है।

    यदि आप बॉलीवुड के पारंपरिक नाच-गाने से हटकर, इंसानी डर की गहराइयों को छूने वाला भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) ढूंढ रहे हैं, तो Adrushya ही जवाब है। एक ऐसी Masterpiece जो फिल्म खत्म होने के बाद भी आपको पीछे मुड़कर देखने पर मजबूर कर देगी।

    Rating: ★★★★☆ (4.5/5) – A Masterpiece of Psychological Thriller.

     

    https://www.youtube.com/watch?v=3JZ17FJvRHo


    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Kavya

    मैं एक फ़िल्म संपादक और समीक्षक हूँ, जिसे 5 वर्षों का अनुभव है। मेरा कार्य फ़िल्मों के चरित्र-मनोविज्ञान, सिनेमैटोग्राफी, कहानी की संरचना, संपादन की गति और कलात्मक मूल्यों का गहन विश्लेषण करना है। मैं हमेशा निष्पक्ष, सूक्ष्म और भावनात्मक दृष्टिकोण के साथ लेखन करता हूँ, ताकि पाठक सिनेमा को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक कला के रूप में समझ सकें।

    Related Posts

    [REVIEW] Kabadi – The Silent Strength (2025)

    दिसम्बर 12, 2025

    [REVIEW] Bhai – The Opening Part

    दिसम्बर 12, 2025

    [REVIEW] Rangashoor (2025)

    दिसम्बर 12, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    Latest Posts
    Hindi Movies

    [REVIEW] SAIYAARA (2025)

    Hindi Movies
    Hindi Movies

    [REVIEW] Chhaava (2025)

    Hindi Movies
    Kannada Movies

    [REVIEW] Kanna Muchhe Kaade Goode (2025)

    Kannada Movies
    Kannada Movies

    [REVIEW] Teddy Bear (2025)

    Kannada Movies
    Kannada Movies

    [REVIEW] Nimma Vasthugalige Neeve Javaabdaararu (2025)

    Kannada Movies
    Kannada Movies

    [REVIEW] Choo Mantar (2025)

    Kannada Movies
    Advertisement
    Demo
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • PRIVACY POLICY
    • TERMS OF SERVICE
    • CONTACT US
    • ABOUT US
    • DISCLAIMER
    • COOKIE POLICY
    © 2025 Filmyzilla Movie

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.