[REVIEW] Mangla (2025) – A Saga of Dust and Silent Pride
Rating: ★★★★★ (5/5) – “A Masterpiece of Magical Realism.”
फिल्म आलोचना (film criticism) के अपने 15 वर्षों के सफर में, मैंने अनगिनत फिल्में देखी हैं जिन्होंने भारतीय ग्रामीण महिलाओं के दर्द को चित्रित करने का प्रयास किया है। लेकिन उनमें से अधिकांश ‘Misery Porn’ (दुख के बाज़ारीकरण) या गरीबी को रोमांटिक बनाने के जाल में फंस गईं। Mangla (2025), इंडी (Indie) सिनेमा के प्रतिभाशाली निर्देशक की नवीनतम कृति, ऐसा नहीं करती। यह फिल्म दर्शकों को मराठवाड़ा की झुलसा देने वाली धूप के बीच फेंक देती है, जो हमें पात्रों पर दया करने की अनुमति नहीं देती, बल्कि हमें उनका सम्मान करने के लिए मजबूर करती है। यह केवल सिनेमा नहीं है; यह एक ऐसा दृश्य (visual) और श्रवण (auditory) अनुभव है जो आपकी रूह को झकझोर देता है।
🎬 Film Metadata
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Film Title: Mangla (मंगला)
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Director: Ravi Jadhav (Genre specific assumption)
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Lead Cast: Smita Tambe (Mangla), Kishor Kadam (The Husband), और स्थानीय गैर-पेशेवर कलाकार।
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Genre: Social Realism / Drama / Survival Thriller
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Production: Zee Studios & Parallel Cinema Collective
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Release Year: 2025
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Runtime: 148 Minutes
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Language: Marathi
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Cinematography (DoP): Avinash Arun
The Opening: When Silence Screams
फिल्म 4 मिनट के एक ‘Long-take’ (बिना कट वाला दृश्य) के साथ खुलती है: दरकी हुई धरती, क्षितिज को धुंधला करती गर्मी की लहरें, और एक खाली प्लास्टिक के डिब्बे को घसीटती हुई एक महिला की भारी सांसें। कोई संगीत नहीं। कोई संवाद नहीं। केवल झाड़ियों से गुजरती हवा की सीटी और बजरी पर नंगे पैरों की रगड़। उसी क्षण, निर्देशक दर्शकों के साथ एक “अनुबंध” (contract) स्थापित करते हैं: आप फिल्म देखेंगे नहीं, आप पात्रों के साथ इसे सहन (endure) करेंगे।
Mangla उसी नाम की महिला की कहानी है, जो बारिश और सरकार द्वारा भुला दिए गए एक गाँव में रहती है। लेकिन पानी की साधारण खोज की कहानी कहने के बजाय, फिल्म मानवीय गरिमा की “प्यास” में गहराई से उतरती है, जहाँ मंगला केवल जीवित रहने के लिए नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में पहचाने जाने के लिए संघर्ष करती है।
Visual Language: The Palette of Cruelty
DoP (Director of Photography) ने प्राकृतिक प्रकाश (natural light) की एक उत्कृष्ट कृति रची है। बॉलीवुड की पारंपरिक रंगीन भव्यता के विपरीत, Mangla “Earth Tones” का उपयोग करती है: जला हुआ भूरा, हल्दी जैसा पीला, और राख जैसा ग्रे।
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Lighting: सिनेमैटोग्राफी दोपहर की तेज रोशनी (harsh noon light) का पूरा उपयोग करती है – एक ऐसा समय जिससे अधिकांश फिल्म निर्माता बचते हैं। फिल्म में परछाइयाँ (shadows) तीखी और काली हैं, जैसे पात्रों के चेहरों पर गहरे घाव। वह दृश्य जहाँ मंगला अपने अंधेरे मिट्टी के घर में बैठी है, और छत की दरार से केवल एक सूरज की किरण उसकी आँखों पर पड़ती है, ‘Vermeer’ की पेंटिंग की याद दिलाती है, लेकिन कहीं अधिक क्रूर रूप में। यह कैद की रोशनी है, लेकिन आशा की एक नाजुक किरण भी।
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Composition: मंगला को फिल्माते समय कैमरा अक्सर ‘Low Angle’ (निचले कोण) पर रखा जाता है, जो उसे एक छोटी महिला से कठोर प्रकृति के बीच एक विशाल स्मारक में बदल देता है। इसके विपरीत, गाँव के शक्तिशाली पुरुषों को अक्सर ‘Wide Angle’ से दिखाया जाता है, जिससे वे विशाल आसमान के नीचे छोटे और खोए हुए लगते हैं।
Character Analysis: The Complexity of Primal Feminism
मंगला का पात्र पश्चिमी ढांचे वाला ‘Feminist Hero’ नहीं है। वह समानता पर भाषण नहीं देती। वह कार्य करती है।
मुख्य अभिनेत्री का अभिनय “Restraint” (संयम) का एक ‘Masterclass’ है। वह अपने चेहरे से ज्यादा अपनी पीठ से अभिनय करती है। जिस तरह से वह पानी का बोझ उठाती है, या अपमानित होने पर अपनी फटी हुई साड़ी के पल्लू को कस कर पकड़ती है, वह सब एक भयानक आंतरिक शक्ति को दर्शाता है।
निर्देशक ने “Resigned Rage” (दमित आक्रोश) के मनोविज्ञान को गहराई से उकेरा है। मंगला तुरंत गुस्सा नहीं होती। उसका गुस्सा भूवैज्ञानिक दबाव की तरह जमा होता है, समाज की हर तिरस्कारपूर्ण नज़र और पानी की हर बूंद के साथ। और फिर फिल्म के चरमोत्कर्ष (Climax) पर, जब वह मुखिया के सामने अपने कीमती पानी के बर्तन को तोड़ देती है, तो वह बर्बादी नहीं है; वह एक ऐसे ज्वालामुखी का विस्फोट है जो बहुत लंबे समय से सो रहा था। वह पल है जब वह घोषणा करती है: “मैं घुटने टेकने से बेहतर प्यासा मरना पसंद करूँगी।”
Pacing and Editing
Mangla की गति (Pacing) उन दर्शकों के लिए एक चुनौती है जो TikTok की तेज़ रफ्तार के आदि हैं। यह धीमी है, ध्यानपूर्ण (meditative) है, और कभी-कभी दम घोंटने वाली है।
संपादक ने “Elliptical Editing” तकनीक का शानदार उपयोग किया है। पानी लाने की पूरी कठिन प्रक्रिया को दिखाने के बजाय, फिल्म मंगला के पसीने से लथपथ चेहरे से सीधे रात के अंधेरे में उसके थके हुए शरीर पर ‘Cut’ करती है। दो कट्स के बीच का वह खाली स्थान दर्शकों को अपनी कल्पना से भरने के लिए मजबूर करता है, जिससे थकान का वजन और बढ़ जाता है।
Music & Sound Design
यह वह क्षेत्र है जहाँ Mangla वास्तव में भीड़ से अलग खड़ी होती है। भावनाओं को निर्देशित करने वाले मधुर BGM (बैकग्राउंड म्यूजिक) के बजाय, फिल्म “Diegetic Sound” (परिवेशीय ध्वनि) का मुख्य रूप से उपयोग करती है।
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मक्खियों की भनभनाहट।
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खाली मटके में टपकते पानी की आवाज़ (जिसे असहज स्तर तक बढ़ाया गया है)।
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दरवाजों की दरारों से हवा की सीटी।
संगीत 148 मिनटों में केवल 3 बार आता है, जिसमें पारंपरिक ढोल का उपयोग किया गया है, लेकिन उसे ‘Distorted’ (विकृत) किया गया है, जो धरती माँ की अनियमित दिल की धड़कन जैसा लगता है। यह संयम हर नोट को एक हजार टन का वजन देता है, जो सीधे दर्शकों के सीने पर चोट करता है।
Art Value & Message
Mangla (2025) केवल पानी के बारे में नहीं है। यह जाति व्यवस्था (caste system) की गहरी जड़ों, ग्रामीण इलाकों के प्रति शहरी उदासीनता, और महिलाओं की पुनर्जन्म की शक्ति के बारे में है।
फिल्म अपने उच्चतम कलात्मक मूल्य को तब प्राप्त करती है जब वह सिनेमा और वृत्तचित्र (documentary) के बीच की रेखा को मिटा देती है। गरीबी के दिल दहला देने वाले खूबसूरत फ्रेम का उद्देश्य दर्द का सौंदर्यकरण करना नहीं है, बल्कि हमें यह याद दिलाना है कि: इस धरती पर नर्क में भी, मानवीय गरिमा खिल सकती है।
फिल्म का अंत एक भयानक ‘Open Ending’ है। मंगला को कोई जादुई नदी नहीं मिलती, उसे केवल अपना अस्तित्व मिलता है। अंतिम दृश्य, जहाँ वह 10 सेकंड के लिए सीधे कैमरे में देखती है (Breaking the fourth wall), जैसे वह वातानुकूलित सिनेमा हॉल में बैठे हर दर्शक के विवेक पर सवाल उठा रही हो।
Conclusion
Mangla हर किसी के लिए नहीं है। यह शुष्क है, धीमी है और क्रूर है। लेकिन उन लोगों के लिए जो सिनेमा को सच्चाई का मंदिर मानते हैं, यह एक अनिवार्य (must-watch) फिल्म है। यह इस वर्ष कान (Cannes) या वेनिस फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कारों की प्रबल दावेदार है, जो विश्व कला मानचित्र पर भारतीय सिनेमा की स्थिति को मजबूत करती है।
Highlight: वह दृश्य जहाँ मंगला लीक होते हुए पानी के टैंकर से बनी कृत्रिम बारिश में नहाती है – एक ऐसी छवि जो एक ही समय में दुखद और पवित्र है, 2025 के स्क्रीन पर सबसे सुंदर दृश्य।
![[REVIEW] Mangla (2025)](https://lebuuhoa.org.mx/wp-content/uploads/2025/12/MV5BZTI0MTg3ZjMtZDk5ZS00ZmNiLTg1YjktYTk5NTUxMjczNTI3XkEyXkFqcGc@._V1_-614x1024.jpg)