[REVIEW] Mithiye (2025): जब पंजाब की शांति के पीछे छिपे होते हैं किस्मत के गहरे जख्म
भारतीय सिनेमा की तेज रफ्तार दुनिया में, जहां बॉलीवुड अपनी चमक-धमक और टॉलीवुड अपने भव्य एक्शन के लिए जाना जाता है, वहीं पंजाबी सिनेमा (Pollywood) की अपनी एक अलग लय है: सादगी, सच्चाई और जज्बात। लेकिन Mithiye (2025) के साथ, निर्देशक Harjeet Jassal ने सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं सुनाई है। उन्होंने रोमांस (Romance) और थ्रिलर (Thriller) का एक ऐसा मिश्रण तैयार किया है जो कम समय में भी दर्शकों को गहरे तक प्रभावित करता है।
प्रीमियर के बाद, जो अहसास रह जाता है वह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि ‘कर्म’ और खुशियों की नश्वरता का एक गहरा विचार है। यहाँ Mithiye का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत है।
1. कहानी की बुनावट: तकदीर की नदी किनारे एक उदास गीत
Mithiye की शुरुआत उसी नाम के गांव की अत्यधिक शांति से होती है। पटकथा (Script) बड़ी खूबसूरती से दर्शकों को Ranjha (जिसे Surinder Singh ने निभाया है) के जीवन में ले जाती है – एक ऐसा युवक जो अनाथ होने का दर्द लिए जी रहा है। एक भयानक दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने के बाद, Ranjha को Deepe की मां ने सहारा दिया।
शुरुआती 15 मिनट में, फिल्म की गति (pacing) धीमी है, जैसे पंजाब के सरसों के खेतों से होकर बहती हुई हवा। Jassal चाहते हैं कि दर्शक यह मानें कि यह पुनर्जन्म की एक परी कथा है: Ranjha ने कठिनाइयों को पार कर लिया है, परिवार का प्यार पा लिया है और वह Salma (जिसे Unique Muskan ने निभाया है) से शादी करने वाला है – जो एक सुंदर और पवित्र लड़की है।
हालाँकि, फिल्म का मोड़ (plot twist) ही वह चीज है जो Mithiye को सामान्य पंजाबी रोमांटिक फिल्मों से अलग करता है। जब खुशियाँ मुट्ठी में होती हैं, तभी एक “भयानक राज़” सामने आता है। पटकथा लेखक ने इस मोड़ को शोर-शराबे वाले एक्शन से नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक दबाव (psychological pressure) से संभाला है: विश्वास का टूट जाना। एक पारिवारिक ड्रामा (Family drama) से Mithiye अचानक एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर (Psychological Thriller) में बदल जाती है, जहाँ हर किरदार को अपने अतीत के “साये” का सामना करना पड़ता है।
2. चरित्र विश्लेषण और अभिनय (Character Analysis & Performance)
दक्षिण एशियाई सिनेमा के 15 वर्षों के अवलोकन के साथ, मैं Surinder Singh के संयम की सराहना करता हूँ। Ranjha के रूप में, उन्होंने मेलोड्रामा (melodramatic) का रास्ता नहीं चुना। इसके बजाय, Singh ने अपनी आँखों से कहानी कही है। अपनी गोद लेने वाली मां के सामने या Salma के साथ के पलों में, Ranjha की आँखों में हमेशा एक अनजाना डर दिखता है। यह उन बच्चों का विशिष्ट मनोविज्ञान है जो नुकसान (loss) में बड़े हुए हैं: वे खुशी चाहते हैं लेकिन हमेशा डरते हैं कि यह टूट जाएगी।
Unique Muskan, Salma के रूप में एक बेहतरीन सहयोग देती हैं। वह एक शुद्ध ऊर्जा लेकर आती हैं जो उम्मीद का प्रतीक है। हालाँकि, फिल्म के दूसरे भाग में, Muskan ने साबित कर दिया कि वह केवल एक “शोपीस” नहीं हैं। एक खुशहाल दुल्हन से लेकर सच्चाई और प्यार के बीच फँसी महिला तक के उनके मनोवैज्ञानिक बदलाव को उन्होंने अपनी कंपकपाती देहभाषा और कीमती खामोशी के जरिए बखूबी निभाया है।
सहायक कलाकार, विशेष रूप से मां का किरदार, कहानी की मानवता को बनाए रखने वाले लंगर की तरह हैं। उनका और Ranjha का रिश्ता सिर्फ मां-बेटे का नहीं, बल्कि ग्रामीण समुदाय की करुणा का प्रतीक है।
3. सिनेमाटोग्राफी और दृश्य भाषा (Cinematography & Visuals)
Mithiye के सिनेमैटोग्राफर (DOP) ने कहानी कहने के लिए दो विपरीत रंगों (Color Grading) का बुद्धिमानी से उपयोग किया है।
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पहला भाग (भ्रम/The Illusion): गर्म रंगों (warm tones) और प्राकृतिक रोशनी (high-key lighting) का उपयोग पंजाब के गांव की सुंदरता को निखारने के लिए किया गया है। वाइड शॉट्स (wide shots) प्रकृति की भव्यता को कैद करते हैं, जिससे दर्शक सुरक्षित महसूस करते हैं।
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दूसरा भाग (वास्तविकता/The Reality): जब विपत्ति आती है, तो रोशनी तीखी हो जाती है और परछाइयां लंबी (low-key lighting)। किरदारों के चेहरों पर क्लोज-अप (close-ups) का उपयोग घुटन और संदेह को दर्शाने के लिए किया गया है।
क्लाइमेक्स के दृश्यों में हैंडहेल्ड कैमरा (handheld camera) का उपयोग एक हल्की कंपन पैदा करता है, जो मुख्य पात्र के अस्थिर दिल की धड़कन की नकल करता है और दर्शकों को भी उसी बेचैनी में खींच लेता है।
4. संगीत और गति (Music & Pacing)
केवल 1 घंटा 15 मिनट (75 मिनट) की अवधि के साथ, Mithiye एक कसी हुई फिल्म है जिसमें कोई भी दृश्य बेकार नहीं है। जहाँ कई भारतीय फिल्में अक्सर जरूरत से ज्यादा लंबी खींच दी जाती हैं, वहां यह एक बड़ा प्लस पॉइंट है। फिल्म की गति (Pacing) अच्छी तरह से नियंत्रित है: भावनाओं को बनाने के लिए धीमी, और जब राज़ खुलते हैं तो तेज।
फिल्म का संगीत एक अदृश्य पात्र की भूमिका निभाता है। पंजाबी लोकगीत केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि वे कहानी को आगे बढ़ाने (narrative device) का काम करते हैं। जब गीतों के बोल गूंजते हैं, तो वे Ranjha के दिल की बात कहते हैं, जो काव्यात्मक होने के साथ-साथ बेहद मार्मिक भी होते हैं।
5. कलात्मक मूल्य और संदेश
Mithiye दुनिया की बड़ी समस्याओं को हल करने का दावा नहीं करती। इसका मुख्य मूल्य सच्चाई और विश्वास पर सवाल उठाने में है। क्या प्यार इतना बड़ा है कि वह अतीत के झूठ को माफ कर सके? क्या कोई इंसान अपनी नियति (Karma) की छाया से बच सकता है?
यह फिल्म एक याद दिलाती है कि सबसे शांत जगहों (जैसे Mithiye गांव) में भी, तूफ़ान इंसानी दिलों के भीतर से उठ सकते हैं। यह Ranjha जैसे लोगों की जीने की इच्छाशक्ति का सम्मान करती है – जो जीवन द्वारा कुचले जाने के बावजूद रोशनी पाने की कोशिश करते हैं, भले ही वह रोशनी बहुत धुंधली हो।
निष्कर्ष
Mithiye 2025 के पंजाबी सिनेमा का एक गहरा और भावपूर्ण सुर है। इसे प्रभावित करने के लिए करोड़ों के VFX की जरूरत नहीं है, बल्कि यह सच्चे जज्बातों का इस्तेमाल करती है। कलाकारों के सधे हुए अभिनय और निर्देशक Harjeet Jassal की मजबूत पकड़ के साथ, यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन फिल्म है जो गहराई वाले मनोवैज्ञानिक नाटकों (psychological dramas) को पसंद करते हैं।
रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)
एक छोटी फिल्म, लेकिन जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव बहुत बड़ा है।
फिल्म की जानकारी (Movie Credits)
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फिल्म का नाम: Mithiye
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निर्देशक: Harjeet Jassal
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मुख्य कलाकार: Surinder Singh, Unique Muskan, Mandy Bhullar, Randhir Sidhu, Jasmine Kaur.
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शैली: ड्रामा, रोमांस, थ्रिलर (Romantic Thriller).
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रिलीज वर्ष: 2025 (अनुमानित 03/01/2025).
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अवधि: 1 घंटा 15 मिनट.
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भाषा: पंजाबी (अंग्रेजी/हिंदी उपशीर्षक के साथ).
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निर्माता: Joginder Singh, Jot Kapoor (Kapoor Films Production).
आधिकारिक ट्रेलर (Official Trailer)
आप फिल्म के परिवेश और सिनेमाई रंगों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आधिकारिक ट्रेलर यहाँ देख सकते हैं:
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